भजन हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा हैं। भगवान की भक्ति करते हुए हम अपने मन को शांत करते हैं और आत्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। भजन अनेक भावनाओं को व्यक्त करते हुए हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ जगदम्बे एक बहुत ही शांतिपूर्ण और दुःख हरने वाला भजन है। इस भजन में माँ जगदम्बे के चरणों में आकर हम अपने सभी दुःखों और तकलीफों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं। इस भजन में हम माँ जगदम्बे से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं और उनसे आशा करते हैं कि वे हमेशा हमारे साथ होंगी और हमें सबका साथ देंगी। यह भजन हमें मां दुर्गा के प्रति भक्ति और विश्वास का संदेश देता है।
भजन – मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ जगदम्बे
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,
चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
शेरों वाली जगदम्बे आँचल में मुझे छिपा लेना॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
तुम हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम हो दुर्गा हो अम्बे मैया तुम हो काली॥
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,
जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये॥
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
लक्खा गाता रहे तेरा गुणगान मैया जी॥
है भजन तेरा भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥