भजन एक ऐसी धार्मिक व्यंग्यिता है जो हमारी आध्यात्मिकता को उन्नत करती है। इन भजनों के माध्यम से हम अपने आसपास के समस्याओं का सामना करने में ताकत प्राप्त करते हैं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।
भजन “मंगल को जन्मे, मंगल ही करते” एक ऐसा भजन है जो हमें जीवन की सफलता के लिए आवश्यक गुणों के बारे में बताता है। इस भजन में हमें सफलता के लिए उत्साह, समर्पण, निष्ठा, सहनशीलता, समझदारी और संयम जैसे गुणों का महत्व बताया गया है। इस भजन का संदेश हमें उत्साह देता है कि हम अपने जीवन के लक्ष्य के लिए समय समय पर निरन्तर प्रयास करें और अपने जीवन में सफलता हासिल करें।
भजन – मंगल को जन्मे, मंगल ही करते
मंगल को जन्मे,
मंगल ही करते,
मंगलमय भगवान,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥
मंगल को जन्में,
मंगल ही करते,
मंगलमय भगवान,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥
कोई तुम्हारे अतुलित बल का,
कर ना सका अनुमान,
नहीं तुमसा कोई चतुर कपीश्वर,
नहीं तुमसा बलवान,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥
मंगल को जन्में,
मंगल ही करते,
मंगलमय भगवान,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥
लाल देह लाली लसे,
अरू धरि लाल लँगूर,
बज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
मस्तक मणि से दिनमणि लाजे,
अतिशय कुण्डल कानन राजे,
लाल लाल बाना तन साजे,
पूर्ण समर्पित रघुवर काजे,
संकट मोचन देव तुम्हारे,
राजीव लोचन प्राण,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥
मंगल को जन्मे,
मंगल ही करते,
मंगलमय भगवान,
जय हनुमान, जय हनुमान,
जय हनुमान, जय जय हनुमान ॥