भजन एक ऐसी धार्मिक व्यंग्यिता है जो हमारी आध्यात्मिकता को उन्नत करती है। भजनों के माध्यम से हम अपने मन को शांत करते हैं और अपने आसपास के समस्याओं का सामना करने में ताकत प्राप्त करते हैं।

भजन “एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र” भगवान राम के जीवन के एक महत्वपूर्ण घटना के बारे में है। इस भजन में हमें बताया गया है कि जब भगवान राम अयोध्या से वनवास के लिए निकले थे तो उनके साथ सेरों के साथियों ने उनसे पूछा कि वे कब वापस लौटेंगे। उन्होंने उत्तर देते हुए कहा था कि एक दिन वह लौटेंगे।

इस भजन का संदेश हमें बताता है कि भगवान के आशीर्वाद से सब कुछ संभव है और उनकी शरण में हम सुरक्षित हैं। हमें इस भजन से यह सीख मिलती है कि जीवन के हर पल में भगवान के साथ रहना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को एक उद्देश्य देकर सफलता प्राप्त कर सकें।

भजन – एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र

एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र,
मैं मन की बात बताता हूँ,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

हनुमान हुए हैरान ये सुन,
बोले ऐसा ना संभव है,
मालिक सेवक के दबाये चरण,
ये नाथ नही ये संभव है,
ये महा पाप है मेरे प्रभु,
मैं जीते जी मर जाऊंगा,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

प्रभु राम की वाणी सुनकर के,
हनुमान बड़े हैरान हुए,
इच्छा अजीब मेरे राम की है,
ये सुन के बड़े परेशान हुए,
ये अभी नहीं संभव है प्रभु,
जब होगा मैं बतलाऊंगा,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

त्रेता के बाद युग द्वापर है,
द्वापर में अवसर पाओगे,
मैं मुरली बनकर आऊंगा,
तुम कान्हा बन कर आओगे,
होंठों से लगाना तुम मुझको,
मैं तेरे भक्त नचाउंगा,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

ये तुम जानो या मैं जानु,
प्रभु ओर कोई ये जाने ना,
मुरली के रूप में हनुमत है,
ये राम सिवा कोई जाने ना,
दोनो की रहेगी मर्यादा,
मैं दोषी ना कहलाऊंगा,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

एक दिन बोले प्रभु रामचंद्र,
मैं मन की बात बताता हूँ,
तुम लेटे रहो हनुमान यहाँ,
मैं तेरे चरण दबाता हूँ ॥

श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम ॥

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