श्री झूलेलाल की आरती “ॐ जय दूलह देवा” हर वर्ष भक्तों द्वारा भावुक भाव से गाई जाती है। यह आरती भगवान झूलेलाल की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए गाई जाती है। इस आरती के माध्यम से भक्त भगवान झूलेलाल की आराधना करते हैं और उनसे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा

ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा ॥

तुहिंजे दर दे केई,
सजण अचनि सवाली ।
दान वठन सभु दिलि,
सां कोन दिठुभ खाली ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

अंधड़नि खे दिनव,
अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं ।
पाए मन जूं मुरादूं,
सेवक कनि थारू ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

फल फूलमेवा सब्जिऊ,
पोखनि मंझि पचिन ।
तुहिजे महिर मयासा अन्न,
बि आपर अपार थियनी ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

ज्योति जगे थी जगु में,
लाल तुहिंजी लाली ।
अमरलाल अचु मूं वटी,
हे विश्व संदा वाली ॥
॥ ॐ जय दूलह देवा…॥

जगु जा जीव सभेई,
पाणिअ बिन प्यास ।
जेठानंद आनंद कर,
पूरन करियो आशा ॥

ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा ॥

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