भजन हमें अपनी आत्मा के निर्मलता और पवित्रता को महसूस करने में मदद करते हैं। वे धार्मिक आयोगों और संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से हैं जो हमें आध्यात्मिक विकास में सहायता करते हैं। भजनों के माध्यम से हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्हें आधार बना सकते हैं।

भजन “अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना” हमें हनुमान जी के महत्व के बारे में बताता है। इस भजन में हमें बताया गया है कि हनुमान जी कैसे श्री राम के सेवक थे और उनकी सहायता से श्री राम ने रावण को मारा था। इस भजन के शब्द बहुत ही प्रभावशाली होते हैं जो हमें हनुमान जी के श्रद्धालु बनने के लिए प्रेरित करते हैं। इस भजन को सुनकर हम अपनी भक्ति बढ़ाते हैं और हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिलती है।

भजन – अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

जब से लंका में आई नहीं श्रृंगार है कीन्हा,
नहीं बांधे अभी तक खुले है बाल कह देना ।
॥ अयोध्या नाथ से जाकर…॥

यहाँ रावण सदा धमकी मुझे तलवार की देता,
करो तलवार के टुकड़े ये अंजनीलाल कह देना ।
॥ अयोध्या नाथ से जाकर…॥

अंगूठी राम को देकर सुनाना हाल सब दिल का,
भूले राम सीता को ये अंजनीलाल कह देना ।
॥ अयोध्या नाथ से जाकर…॥

अगर एक मॉस के अन्दर, मेरे राम ना आये,
तो सीता राम ना पाये ये अंजनीलाल कह देना ।

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

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