शाकुम्भरी देवी जी की आरती हमारे देश में बहुत ही प्रसिद्ध है। इस आरती में देवी शाकुम्भरी का वर्णन किया गया है, जो हमारी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के स्रोत है। आरती के माध्यम से हम देवी शाकुम्भरी की कृपा और आशीर्वाद का वंदन करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। इस आरती को गाकर हम देवी शाकुम्भरी के चरणों में अपना मन और आत्मा अर्पित करते हैं।
श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती
हरि ओम श्री शाकुम्भरी अंबा जी की आरती क़ीजो
एसी अद्वभुत रूप हृदय धर लीजो
शताक्षी दयालू की आरती किजो
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,
सब घट तुम आप भखनी माँ
शकुंभारी अंबा जी की आरती किजो
तुम्ही हो शाकुम्भर,
तुम ही हो सताक्षी माँ
शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो
नित जो नर नारी अंबे आरती गावे माँ
इच्छा पूरण किजो,
शाकुम्भर दर्शन पावे माँ
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ,
जो नर आरती सुनावे माँ
बस बैकुण्ठ शाकुम्भर दर्शन पावे
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो